महिला सशक्तिकरण योजनाएं
24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पूरा भारत बेटियों को सशक्त बनाने के लिए अपने कदम बढ़ा रहा था। भारत का हर जनमानस, सरकार, विभाग एक दूसरे के सहयोग से इस महायज्ञ में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे है। भारत में केंद्र सरकार नारी सुरक्षा और सशक्तिकरण के विषय को काफी महत्वपूर्ण मानती है और इसी लिए हर स्तर पर यहां शुरुआत से ही बेटी उत्थान की योजनाएं बड़े पैमाने पर चल रही है। जिनका एक ही मकसद है बेटियों का विकास।
आइये आपका परिचय कराते है ऐसी ही कई योजनाओं से।
महिला सशक्तिकरण के लिए बनाई गई योजनाएं निम्न हैं:
1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम:
- बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 22 जनवरी, 2015 को पानीपत, हरियाणा में इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी|
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों के गिरते लिंगानुपात के मुद्दे के प्रति लोगों को जागरूक करना है|
- इस कार्यक्रम का समग्र लक्ष्य लिंग के आधार पर लड़का और लड़की में होने वाले भेदभाव को रोकने के साथ साथ प्रत्येक बालिका की सुरक्षा, शिक्षा और समाज में स्वीकृति सुनिश्चित करना है|
2. किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना (सबला)
- केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत 1 अप्रैल, 2011 को की गई थी|
- इस कार्यक्रम को ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ की देख-रेख में चलाया जा रहा है|
- इस कार्यक्रम के तहत भारत के 200 जिलों से चयनित 11-18 आयु वर्ग की किशोरियों की देखभाल ‘समेकित बाल विकास परियोजना’ के अंतर्गत की जा रही है| इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को 11-15 और 15-18 साल के दो समूहों में विभाजित किया गया है|
- इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले लाभों को दो समूहों में विभाजित किया गया है: (a).पोषण (11-15 वर्ष तक की लड़कियों को पका हुआ खाना दिया जाता है) (b). गैर पोषण (15-18 वर्ष तक की लड़कियों को आयरन की गोलियां सहित अन्य दवाइयां मिलती हैं)|
3. इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना:
- यह मातृत्व लाभ कार्यक्रम 28 अक्टूबर, 2010 को शुरू किया गया था|
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 19 साल या उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो बच्चों के जन्म तक वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा नवजात शिशु और स्तनपान कराने वाली माताओं की बेहतर देखभाल के लिए दो किस्तों में 6000 रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है|
- यह कार्यक्रम ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ द्वारा चलाया जा रहा है|
4. कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना:
- इस योजना का शुभारम्भ 2004 में किया गया था |
- यह योजना वर्ष 2004 से उन सभी पिछड़े क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही है जहाँ ग्रामीण महिला साक्षरता की दर राष्ट्रीय स्तर से कम हो|
- इस योजना में केंद्र व राज्य सरकारें क्रमशः 75% और 25% खर्च का योगदान करेंगे |
- इस योजना का मुख्य लक्ष्य 75% अनुसूचित जाति/जनजाति/अत्यन्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं तथा 25% गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की बच्चियों का दाखिला कराना है |
- योजना में मुख्य रूप से ऐसी बालिकाओं पर ध्यान देना जो विद्यालय से बाहर हैं तथा जिनकी उम्र 10 वर्ष से ऊपर है।
5. प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना:
- इस योजना की शुरुआत प्रधामंत्री मोदी द्वारा 1 मई 2016 को की गई थी |
- इस योजना के अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिलेंगे|
- योजना का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना है।
- इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना चाहती है|
6. स्वाधार घर योजना:
- इस योजना को 2001-02 में शुरू किया गया था |
- इस योजना को 'महिला एवं बाल विकास मंत्रालय' के माध्यम से चलाया जा रहा है |
- इस योजना का उद्देश्य वेश्यावृत्ति से मुक्त महिलाओं, रिहा कैदी, विधवाओं, तस्करी से पीड़ित महिलाओं, प्राकृतिक आपदाओं, मानसिक रूप से विकलांग और बेसहारा महिलाओं के पुनर्वास की व्यवस्था करना है।
- इस योजना के अंतर्गत विधवा महिलाओं के भोजन और आश्रय, तलाक शुदा महिलाओं को कानूनी परामर्श, चिकित्सा सुविधाओं और महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं|
- इस योजना के माध्यम से महिलाओं को अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए शारीरिक और मानसिक मजबूती प्रदान की जाती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें|
7. महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम (STEP)
- इस योजना की शुरुआत 1986-87 में एक केन्द्रीय योजना के रूप में की गयी थी|
- इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से चलाया जा रहा है|
- योजना का मुख्य उद्येश्य महिलाओं का कौशल विकास कराकर उनको इस लायक बनाना है कि वे स्व-रोजगार या उद्यमी बनने का हुनर प्राप्त कर सकें|
- इस योजना का मुख्य लक्ष्य 16 वर्ष या उससे अधिक की लड़कियों/महिलाओं का कौशल विकास करना है |
- इस योजना के तहत अनुदान सीधे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को न देकर संस्था/संगठन यहाँ तक कि गैर सरकारी संगठन को सीधे ही पहुँचाया जाता है|
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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