चार्ल्स डी मॉन्टेस्क्यू
व्यक्तित्व एवं कृतित्व
[जन्म 18 जनवरी 1689 - निधन 10 फरवरी 1755]
चार्ल्स डी मॉन्टेस्क्यू फ्रांस में ज्ञानोदय के प्रभावी और प्रख्यात प्रतिनिधि माने जाते हैं. उनकी इतिहास, दर्शन, कानून और राजनीति में गहरी रुचि की बदौलत वे एक व्यवसायी, न्यायविद, राजनीतिज्ञ, उपन्यासकार और राजनीतिक विचारक के रूप में विख्यात हैं. उन्हें प्राचीन राजनीति इतिहास का अच्छा ज्ञान था जिसका उपयोग करते हुए उन्होंने 1734 में रोमन लोगों के उत्थान और पतन पर लेख लिखे. राजनैतिक प्रगति के अध्ययन के लिए उन्होंने संपूर्ण यूरोप की यात्रा की. मॉन्टेस्क्यू ने इंग्लैड में दो वर्ष बिताए. उस दौरान वे जॉन लॉक और ब्रिटिश संविधान से काफी प्रभावित रहे. उन्होंने यहां रह कर चार निबंध लिखे. उनका “The Spirit of the Laws’ यानी “कानून की आत्मा” नामक निबंध 1748 में छपा और संपूर्ण यूरोप में काफी चर्चित हुआ रहा. उसकी व्याख्या करते उन्होंने व्यवहार्य और स्वतंत्र राजतंत्र में सत्ता विभाजन का सिद्धांत दिया जिसके लिए वे आज तक प्रसिद्ध हैं. जब तक व्यवस्थापिका, प्रबंधकारिणी संस्था और न्यायपालिका आदि शक्तियों में आपसी तालमेल नहीं होगा तब तक खराब सत्ता से आज़ादी और रक्षा नहीं की जा सकती. स्वतंत्र प्रजातंत्र का यह आधारभूत सिद्धांत अंत में सभ्य संसार की मुख्य विचारधारा बन गई. उसको मानते हुए तानाशाह भी अधिक क्रूर नहीं हो सके.
मॉन्टेस्क्यू के स्वतंत्र विचारों में सबसे रोचक बात यह थी कि उन्होंने राजनीतिक आज़ादी पर सबसे अधिक जोर दिया. बहुत से लोग “कानून की आत्मा” नामक निबंध को राजनीतिक आज़ादी का आरंभिक बिंदु मानते हैं. अमेरिकी संविधान मे नियंत्रण और सामंजस्य पर मॉन्टेस्क्यू का सीधा प्रभाव दिखाई देता है. जैफरसन जिनकी पुस्तक का नाम “आज़ादी की घोषणा” है, हैमिलन और मेडिसन आदि मॉन्टेस्क्यू के विचारों से परिचित और प्रभावित थे.
बिना किसी भ्रमजाल के देखने पर ज्ञात होता है कि जिसके हाथ में सत्ता होती है वे राजनीतिक शक्ति का गलत उपयोग करते हैं. मॉन्टेस्क्यू ने तर्कपूर्ण ढंग से समझाते हुए कहा कि स्वतंत्र रूप से लिए गए निर्णयों को कम किया जाए व कानून में कुछ संशोधन किया जाए इससे व्यक्तिगत सुरक्षा प्राप्त होगी साथ ही नागरिकों को इसका फायदा मिलेगा. इसमें निर्णायक और प्रतियोगी लाभ राज्य का भी होगा. “कानून की आत्मा” की पहली आठ पुस्तकों में मॉन्टेस्क्यू ने सरकार के सिद्धांत को विकसित किया. उन्होंने गणतंत्र, अभिजातीय गणतंत्र, राजतंत्र और तानाशाही सरकारों की व्याख्या की और उसमें परस्पर अंतर बताया. राजनैतिक आज़ादी का सिद्धांत 11वीं पुस्तक में विकसित हुआ जिसमें उन्होंने इस बात का प्रचार किया कि नागरिकों को कुछ अधिकार प्रदान किए गए हैं और उसका उपयोग वे कानूनी सीमाओं में रहकर कर सकते हैं जब तक कि वे दूसरों के अधिकारों का हनन न करें. यह बात करते समय मॉन्टेस्क्यू आधुनिक लगते हैं. मॉन्टेस्क्यू ने यूरोप के विभिन्न देशों के आर्थिक विकास का अध्ययन और एशिया में स्वतंत्र बाजार में प्रतियोगिता की आवश्यकता और व्यापारिक वस्तुओं की सही कीमत की आवश्यकता पर जोर देने के कारण वह राजनैतिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अग्रणी साबित हुए हैं.
प्रमुख रचनाएं
|