महात्मा गांधी
व्यक्तित्व एवं कृतित्व
[जन्म 1869 – निधन 1948]
महात्मा गांधी का सार्वजनिक जीवन उनके उदारवादी मूल्यों में टिकाऊ विश्वास का अच्छा प्रमाण है। चाहे वह असहमति का अधिकार हो, उनके आश्रम में होने वाली घटनाओं के सूक्ष्म निरीक्षण की प्रतिबद्धता, विरोधी विचारों को संयम से सुनना और हिंसा के प्रति उनकी घृणा, हर मायनों में गांधीजी एक सर्वोत्कृष्ट उदारवादी थे। उनकी गहन आस्था थी और उन्होंने राजनीति को अध्यात्मिकता के रंग में रंगा। किन्तु उनकी राजनीति पूर्णतः धर्मनिरपेक्ष आधारित थी। वे इस कहावत पर यकीन करते थे कि वही सरकार सर्वश्रेष्ठ होती है जो कम-से-कम लोगों पर शासन करती है। दलितों के उत्थान के लिए वे जोश से भरे हुए थे (उन्होने उनका नाम हरिजन रखा- जिसका मतलब ईश्वर की संतान होता है)। उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए निरन्तर टिकाऊ और रचनात्मक कार्य किए।