विश्व महिला दिवस

दुनिया की आधी आबादी को समर्पित विश्व महिला दिवस 8 मार्च का दिन हमारे समाज का अहम हिस्सा है। इस दिन महिलाएं खुलकल जश्न मनाती हैं। मनाएं भी क्यों , आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं। आज की महिलाएं अपने  सपनों की उड़ान भरने में यकीन रखती हैं। हालांकि कई लोगों के मन में इस दिन को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं। जैसे क्यों मनाते हैं ये दिन?  8 मार्च को ही क्योंइस दिन का रंग क्या है? ऐसे में हम आपको बताएंगे इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बाते।  

आखिर 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है विश्व महिला दिवस:

महिलाओं के हक और सम्मान की लड़ाई बहुत पुरानी है। महिलाओं को इसके लिए समय समय पर संघर्ष करना पड़ा है। पिछली एक सदी से भी ज़्यादा वक्त से दुनिया 8 मार्च को महिलाओं के विशेष दिन के तौर पर मनाते रहे हैं। आपको जान कर हैरानी होगी कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का असल में एक मज़दूर आंदोलन से उपजा है, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने सालाना आयोजन की रूप मान्यता दी और यहीं से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय महिला। महिलादिवस मनाने की शुरुआत आज से 114 वर्ष पहले यानी साल 1908 में हुई थी, जब अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में क़रीब 15 हज़ार महिलाएं काम के कम घंटों, बेहतर तनख़्वाह और वोटिंग के अधिकार की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी थीं।

महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद, अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी.

महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन का था.

1917 में युद्ध के दौरान हड़ताल तक इसे औपचारिक रूप नहीं दिया गया था। हालांकि जब रूसी महिलाओं ने 'रोटी और शांति' की मांग में हड़ताल की तो चार दिन बाद राजा को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और अनंतिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। हड़ताल 8 मार्च को शुरू हुई और यह वह तारीख बन गई जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

लेखक के बारे में

Azadi.me
डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

Comments

जनमत

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महामारी जैसी परिस्थितियों से निबटने के लिए उचित प्रावधानों से युक्त है?

Choices