यूपी विधानसभा चुनाव: नारी सशक्तिकरण का वादा
यूपी के चुनावों में महिलाओं का बोल-बाला! हर दल कर रहा नारी सशक्तिकरण का वादा:
यूपी के विधानसभा चुनावों में 2 चरण का मतदान हो चुका है। तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। देश के सबसे बड़े सूबे में महिलाओं की आबादी 110,423,824 है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यूपी में तकरीबन 52 लाख नए वोटर्स जुड़े हैं जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 23.9 लाख है तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 28.8 लाख है। यह पिछली बार की तुलना में अधिक है। वहीं यूपी में लिंगानुपात भी 2017 की अपेक्षा बढ़ा है।
जिसे मिला महिलाओं का आशीर्वाद, सरकार उसी की:
यूपी में महिला वोटों की स्टडी करें तो पता चलता है कि 2007 विधानसभा चुनाव से अब तक महिलाओं ने जिस दल पर भरोसा जताया है, उसे ही सूबे की कमान मिली है। सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डिवेलपिंग सोसाइटी (सीएसडीएस) के आंकड़ों के अनुसार, 2007 में बीएसपी को 32 फीसदी, सपा को 26 फीसदी, बीजेपी को 16 फीसदी और कांग्रेस को 8 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था। 2007 में मायावती को सत्ता की कमान मिली थी।
यूपी के चुनावों में महिलाओं का दम:
2012 के चुनाव में सपा को 31 फीसदी, बीएसपी को 25 फीसदी, बीजेपी को 14 फीसदी और कांग्रेस को 12 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी।
वहीं 2017 की बात करें तो इस बार बीजेपी को रेकॉर्ड 41 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था। जबकि बीएसपी को 23 फीसदी, सपा को 20 फीसदी और कांग्रेस को महज 5 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया था।
महिलाओं के लिए यूपी के मुख्यमंत्री का दावा:
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ''आज जब उत्तर प्रदेश में भाजपा के 5 साल बीत रहे हैं तो हम कह सकते हैं कि आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज है। आज हर बहन, बेटी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकती है।''
यूपी चुनाव के लिए घोषणा पत्र में बीजेपी के ‘संकल्प’:
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी की जाएगी।
- लता मंगेशकर की स्मृति में आर्ट्स अकैडमी स्थापित की जाएगी।
- मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी।
- कॉलेज जाने वाली हर महिला को मुफ्त स्कूटी।
- उज्जवला के सभी लाभार्थी को होली और दीपावली में 2 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर।
- कन्या सुमंगला योजना को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार।
- गरीब परिवार की बेटियों के विवाह के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद।
- मिशन पिंक टॉयलेट के लिए 1000 करोड़।
- हर विधवा और निराश्रित महिला को 1500 रुपये प्रति माह का पेंशन।
- 3 नई महिला बटालियन।
- सभी सार्वजनिक स्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में CCTV कैमरे और 3000 पिंक पुलिस बूथ।
- 5 हजार करोड़ की लागत से अवन्ति बाई लोधी स्वयं सहायता समूह मिशन की शुरुआत।
- UPPSC समेत सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी।
- 1 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बना।
- 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा।
- महिला एथलीटों को 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद।
समाजवादी पार्टी का महिलाओं के लिए ‘वचन’:
- महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण।
- पुलिस में महिलाओँ की अलग विंग।
- वूमेन पॉवर लाइन 1090 का सुदृढीकरण कर ई मेल, ह्वाट्अप के जरिए एफआईआर की व्वस्था।
- महिला उद्यमियों को बढावा।
- महिला शिक्षिकाओं को उनकी पोस्टिंग के दौरान विकल्प दिया जाएगा।
- महिला शिक्षाकाओं को चुनाव ड्यूटी सहित गैर शैक्षणिक कार्य में नहींलगाया जाएगा।
- लड़कियों को केजी से लेकर पीजी तक मुफ्त शिक्षा। कन्या विद्याधन दोबारा।
- 12वीं पास छात्रा को 36 हजार की एकमुश्त राशि दी जाएगी।
- बालिका शिक्षा पर विशेष जोर। छात्राओं को मुफ्त बस यात्रा।
- लैपटाप वितरण में छात्राओं को 50 फीसदी प्रतिनिधित्व।
महिलाओं के लिए कांग्रेस का ‘शक्ति विधान’:
- सरकारी नौकरियों में 40 फीसदी आरक्षण का वादा।
- पुलिस बल में 25 प्रतिशत महिलाएं।
- किसी भी बीमारी में 10 लाख रुपये का इलाज सरकारी।
- परिवहन विभाग में महिलाओं के लिए विशेष कोटा।
- कोविड-19 से प्रभावित महिलाओं के लिए रोजगार के लिए वेतन सब्सिडी।
- घरेलू हिंसा और नशे से निपटने के लिए प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता की नई योजना।
- विशेष अधिकार प्राप्त आयोग का गठन, जिसमें 6 महिलाएं होंगी।
- दो न्यायाधीश, दो सामाजिक कार्यकर्ता और दो सरकारी अधिकारी।
- सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य शिशु गृह।
- मौजूदा सार्वजनिक व निजी नौकरियों में महिलाओं को सुरक्षा और लाभ।
- घरेलू कर्मचारियों की मानवीय कार्य दशाओं के लिए एक सरकारी विभाग।
- विकलांग महिलाओं के प्रशिक्षण और रोजगार के लिए विशेष विभाग।
- सभी सरकारी भवन और कार्यस्थल विकलांग महिलाओं की सुविधाओं के अनुसार होंगे।
- माध्यमिक विद्यालयों में बालिकाओं को आय वर्ग के अनुसार छात्रवृत्ति।
- महिलाओं पर केंद्रित विशेष रोजगार एक्सचेंज।
- अकेली माताओं के प्रशिक्षण केलिए वित्त पोषित कार्यक्रम।
- राज्य भर में महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित संध्या विद्यालय।
- युवावस्था में विधवा हुई महिलाओं को रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला चौपाल का निर्माण।
- व्यक्तिगत और समूहों को माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में प्रशिक्षण व अवसर।
- महिलाओं के परित्याग के मामलों में कानूनी सहायता समिति।
- हर जिले में महिला पीड़ितों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता के लिए तीन सदस्यीय विशेष कानूनी प्रकोष्ठ का गठन।
- डॉक्टरों व चिकित्सा कर्मियों के रिक्त पदों पर भर्तियां।
- अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों में मासिक धर्म से संबंधित वस्तुओं और दवाओं की मुफ्त आपूर्ति।
- प्रत्येक पीएचसी पर महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित स्वास्थ्य शक्ति केंद्र की स्थापना।
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक हेल्पलाइन और वेबसाइट, प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुविधा।
पिछले बार 2017 में जो चुनाव हुआ था, उसमें जेंडर रेश्यो था, वह 839 था। मतलब हजार पुरुषों पर 849 महिलाएं। जागरूकता अभियान के बाद यह यह बढ़कर 868 पहुंच गया है। यूपी में कुल 06 करोड़ 44 लाख 36 हजार 122 महिला मतदाता है। ऐसे में चुनावी घोषणा पत्रों में महिलाओं को लेकर घोषणाओं की भरमार देखने को मिल रही है। महिलाओं ने किसका साथ दिया ये तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। लेकिन सरकार बनने के बाद सभी दल महिलाओं से किए चुनावी वादों को पूरा करेंगे।
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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